वेदस्तुति 19

वेद स्तुति 19
सभीजीव भगवानकी मायासे भ्रममें भटक रहे हैं, अपने को भगवानसे पृथक मानकर जन्म मृत्यु का चक्कर काट रहे हैं।
परंतु बुद्धिमान पुरुष इस भ्रमको समझ लेते हैं और संपूर्ण भक्तिभावसे भगवानकी शरण ग्रहण करते हैं, क्योंकि भगवान जन्ममृत्युके चक्करसे छुड़ाने वाले हैं।

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